Computer kitne prakar ke hote hain – कंप्यूटर के प्रकार | कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है | आशा करता हु आप ये सवाल जरूर सुने होंगे की कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है अगर नहीं सुने है या नहीं पढ़े है तो आप सही जगह पर आये है | हमारा उदेशय है की कंप्यूटर की सही जानकारी सभी लोगो तक सरल भाषा में पहुचाये | इस लेख (Post) में हम लोग जानेंगे – Types of computer in hindi.
चलिए आज हम ये जानने की कोशिश करते है की कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है (Computer kitne prakar ke hote hain). वैसे तो आज कल हर ऑफिस , स्कूल या रेलवे स्टेशन पर कंप्यूटर देखने को मिल जाते है| हर इंसान किसी न किसी तरह कंप्यूटर से जुड़ा हुवा है | हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में कंप्यूटर का इस्तेमाल जरूर करते है| आज हम ये कह सकते है की कंप्यूटर युग चल रहा है।
हम ये भली भांति जानते है की कंप्यूटर क्या है , इस आर्टिकल में हम कंप्यूटर के सभी प्रकारो के बारे में विस्तार पूर्वक जानेंगे और समझेंगे।
कंप्यूटर के प्रकार । कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है । Computer kitne prakar ke hote hain.
वैसे तो कंप्यूटर कई प्रकार के होते हैं लेकिन इन सभी कम्पूटरो को मुख रूप से कार्य छमता, उदेशय और आकार के आधार पर तीन भागो में बांटा गया हैl जो निम्नलिखित हैl
- कार्यप्रणाली के आधार पर – Based on Mechanism
- उदेशय के आधार पर – Based on Purpose
- आकार के आधार पर – Based on size
अब एक एक करके इन तीनो प्रकारो को आसानी से समझते हैं ।
1.कार्यप्रणाली के आधार पर – Based on Mechanism
कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है – कार्यप्रणाली के आधार पर कंप्यूटर को तीन वर्गों में वर्गीकृत किया गया हैl जैसे एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer), डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer) और हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer).
निचे हम एक एक कर के इन तीनो प्रकारो को विस्तृत रूप में समझेंगे की कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है – ( Types of computer in hindi).
- एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer): –
- डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer): –
- हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer): –
एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer): –
एनालॉग कंप्यूटर एक ऐसा कंप्यूटर है जो यांत्रिक, विधुत, हाईड्रोलिक, द्रव दाब और तापमान जैसे लगातार बदलने वालीं वस्तुओ का उपयोग करता है। अतः एनालॉग कंप्यूटर का उपयोग एनालॉग सिग्नल या भौतिक मात्राओ/ क्रिया को मापने के लिए किया जाता है। उदाहरण स्वरुप हम गाड़ी की स्पीडोमीटर, ऑक्सीजन सिलिंडर में लगा एनॉलॉग मीटर को देख सकते है।एनॉलॉग कंप्यूटर में अपना स्टोरेज छमता नहीं होता है। डिजिटल कंप्यूटर की तरह एनॉलॉग कंप्यूटर में मेमोरी नहीं लगा होता है। जिसे हम स्टोर नहीं कर सकते है ।एनालॉग कंप्यूटर का इस्तेमाल कहा होता है। मुख्य रूप से एनॉलॉग कंप्यूटर का इस्तेमाल विज्ञानं और इंजीनियरिंग छेत्रो में ज्यादातर इस्तेमाल होता है।
डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer): –
डिजिटल कंप्यूटर वह कंप्यूटर है जो डाटा को संख्यात्मक रूप में इकट्ठा करता है । इस प्रकार के कंप्यूटर में डाटा को संग्रहित(Store) करने के लिए इनपुट और आउटपुट यन्त्र लगे होते है । यह हम भली भांति जानते है की डिजिटल कम्प्यूटर बाइनरी पद्धति ( Binary System) पर आधारित होता है। इससे यह तात्पर्य है की डिजिटल कंप्यूटर इनपुट डाटा को डिजिटल रूप में यानि 0 और 1 रूप में संग्रहीत (Store) करता है । प्रायः डिजिटल कंप्यूटर में मेमोरी लगा होता है जो डाटा को कई सालो तक संभाल कर रख सकते है।
हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer): –
हाइब्रिड कंप्यूटर वैसे कंप्यूटर को कहते है जो एनालॉग और डिजिटल कंप्यूटर दोनों की विशेषताओ को को प्रदर्शित करता है । हम यह जानते है की डिजिटल घटक सामान्य रूप से नियंत्रक के रूप में कार्य करता है और तार्किक और संख्यात्मक संचालन प्रदान करता है, जबकि एनालॉग घटक अक्सर अंतर समीकरणों और अन्य गणितीय रूप से जटिल समस्याओं के समाधान के रूप में कार्य करता है।
2. उद्देश्य के आधार पर – Based on Purpose
कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है – उद्देश्य के आधार पर निम्नलिखित वर्गों में बाँटा गया है।
- जनरल पर्पस कंप्यूटर – General Purpose Computer
- स्पेशल पर्पस कंप्यूटर – Special Purpose Computer
1.जनरल पर्पस कंप्यूटर – General Purpose Computer: –
जनरल पर्पस कंप्यूटर वो कंप्यूटर है जो सामान्य कार्यो में इस्तेमाल किया जाता है । इस कंप्यूटर को स्कूलों में , घरो में , ऑफिसो में और कॉलेजो में उपयोग किया जाता है । ये कंप्यूटर ज्यादा महंगे नहीं होते है ये आम लोगो के बजट में आसानी से आजाते है। डेस्कटॉप कम्प्यूटर्स और लैपटॉप जनरल कंप्यूटर के श्रेणी में आते हैं। इसके अलावा टेबलेट, स्मार्ट फ़ोन , गेम कंसोल्स और कार का मीडिया सिस्टम भी जनरल पर्पस कंप्यूटर के श्रेणी में ही आते है।
उपयोग :- अगर उपयोग के हम बात करे तो निम्न लिखित उपयोग है जो जनरल पर्पस कंप्यूटर का डेली लाइफ में होता है।
- इंटरनेट सर्फिंग
- गेम खेलने
- वर्ड प्रोसेसिंग
- वेब पेज बनाने के लिए
- डाटा स्टोर करने के लिए
- म्यूजिक और विडिओ देखने के लिए
2.स्पेशल पर्पस कंप्यूटर – Special Purpose Computer
स्पेशल पर्पस कंप्यूटर या विशेष-उद्देश्य कंप्यूटर को किसी खास कार्यो के लिए ही डिज़ाइन किये जाते है, और अधिकांश समय उनका काम एक विशेष समस्या को हल करना होता है। उन्हें समर्पित कंप्यूटर के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि वे एक ही कार्य को बार-बार करने के लिए समर्पित होते हैं।
विशेष-उद्देश्य वाले कंप्यूटर आमतौर पर पहले से तैयार कार्यक्रमों के अनुसार बार-बार समस्याओं को हल करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं जबकि इनपुट डेटा में आवधिक या निरंतर परिवर्तन होते हैं।
उपयोग :- ऐसे कंप्यूटर का उपयोग एटीएम (ATM Machine), ट्रैफिक लाइट कण्ट्रोल सिस्टम , CT स्कैन मशीन,मौसम की भविष्यवाणी इत्यादि के लिए होता है।
3. आकार और टेक्नोलॉजी के आधार पर – Based on size and technology
आकार और टेक्नोलॉजी के आधार पर – Based on size and technology कंप्यूटर चार प्रकार के होते है । जो निन्मलिखित है ।
- माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)
- मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)
- मेनफ़्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer)
- सुपर कंप्यूटर (Super Computer)
1. माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer):–
जैसा कि नाम से पता चल रहा है कि माइक्रो कंप्यूटर वह कंप्यूटर है जो सामान्य कार्यों के लिए यूज किया जाता है इसको पर्सनल कंप्यूटर(PC) भी कहा जाता है। हमारे आसपास जो ज्यादातर कंप्यूटर देखने को मिलते हैं वह सब माइक्रो कंप्यूटर की श्रेणी में आते हैं। माइक्रो कंप्यूटर का नाम माइक्रो प्रोसेसर की वजह से किया जाता है इसमें माइक्रोप्रोसेसर लगे होते हैं जो यूजर से इनपुट डाटा लेकर process करता है और बाद में आउटपुट (output) डाटा देता है
इस तरह के कंप्यूटर को ज्यादातर स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में इस्तेमाल किए जाते हैं। इस कंप्यूटर में एक ही सीपीयू (CPU) लगे होते हैं और यह छोटे और सस्ते होते हैं। 1970 में माइक्रोप्रोसेसर(Micro processor) का आविष्कार हुआ तभी से इस तरह के कंप्यूटर का प्रचलन काफी बढ़ गया है।
उदाहरण:- लैपटॉप , डेस्कटॉप कंप्यूटर और स्मार्टफोन इत्यादि
2. मिनी कंप्यूटर (Mini Computer):-
मिनी कंप्यूटर भी माइक्रो कंप्यूटर के साइज के बराबर होता है इनका उपयोग बैंक फैक्ट्री और कंपनियों में किया जाता है इसमें एक से ज्यादा सीपीयू लगे होते हैं इनकी क्षमता और गति माइक्रो कंप्यूटर से अधिक होती है । मिनी कंप्यूटर मल्टीप्ल यूजर सिस्टम को सपोर्ट करता है जिसमे एक साथ 100, 200, 300 कर्मचारी काम कर सकते हैं।
उदहारण :- बैंकिंग , रेलवे और यूनिवर्सिटी
3. मेनफ़्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer):-
मेनफ्रेम कंप्यूटर, जिसे हम अनौपचारिक रूप से मेनफ्रेम या बिग आयरन कहते है । मेनफ़्रेम कंप्यूटर मुख्य रूप से बड़े संगठनों द्वारा महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों जैसे कि सेंसर, उद्योग और उपभोक्ता सांख्यिकी, उद्यम संसाधन योजना और बड़े पैमाने पर लेनदेन जैसे कार्यों के लिए थोक डेटा प्रोसेसिंग के लिए उपयोग किया जाने वाला एक बहुत ही उपयोगी कंप्यूटर है।
एक मेनफ्रेम कंप्यूटर बड़ा होता तो जरूर है लेकिन सुपर कंप्यूटर जितना बड़ा नहीं होता है और इसमें कंप्यूटर के कुछ अन्य वर्गों, जैसे कि मिनी कंप्यूटर,सर्वर, वर्कस्टेशन और पर्सनल कंप्यूटर की तुलना में अधिक प्रोसेसिंग पावर होती है। अधिकांश बड़े पैमाने के कंप्यूटर-सिस्टम आर्किटेक्चर 1960 के दशक में स्थापित किए गए थे, लेकिन वे विकसित हो रहे हैं। मेनफ्रेम कंप्यूटर को अक्सर सर्वर के रूप में उपयोग किया जाता है।
जैसा की हम जानते है की मेनफ्रेम शब्द बड़े कैबिनेट से लिया गया था, जिसे एक मुख्य फ्रेम कहा जाता है, जिसमें केंद्रीय प्रसंस्करण इकाई और प्रारंभिक कंप्यूटरों की मुख्य मेमोरी होती है। बाद में, मेनफ्रेम शब्द का इस्तेमाल हाई-एंड कमर्शियल कंप्यूटरों को कम शक्तिशाली मशीनों से अलग करने के लिए किया गया।
उपयोग :- मेनफ्रेम का उपयोग पेरोल गणना, लेखा, व्यापार लेनदेन, सूचना पुनर्प्राप्ति,एयरलाइन सीट आरक्षण,और वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग संगणना जैसे अनुप्रयोगों के लिए किया गया है।
4. सुपर कंप्यूटर (Super Computer):-
सुपर कंप्यूटर एक सामान्य प्रयोजन के कंप्यूटर की तुलना में उच्च स्तर का प्रदर्शन वाला एक शक्तिशाली कंप्यूटर है। ये कंप्यूटर Multi-processing, mullti-tasking और parallel processing कर सकती है ।
जैसा के आपको जानकर हैरानी होगी की पुराने कंप्यूटरों को IPS (निर्देश प्रति सेकंड) में मापा जाता था, सुपर कंप्यूटरों को FLOPS (फ्लोटिंग पॉइंट ऑपरेशंस प्रति सेकंड) में मापा जाता है। यह संख्या जितनी अधिक होगी, सुपर कंप्यूटर उतना ही शक्तिशाली होगा। सुपरकंप्यूटर प्रसंस्करण इकाइयों के कई समूह (Several Clusters of Processing Units )हैं जो आपके औसत लैपटॉप या डेस्कटॉप पीसी की तुलना में एक लाख गुना तेजी से संचालन करने में मदद करते हैं।
उपयोग :-सुपरकंप्यूटर कम्प्यूटेशनल विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और क्वांटम यांत्रिकी, मौसम पूर्वानुमान, जलवायु अनुसंधान, तेल और गैस की खोज, आणविक मॉडलिंग (संरचनाओं और गुणों की गणना) सहित विभिन्न क्षेत्रों में कम्प्यूटेशनल रूप से गहन कार्यों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए उपयोग किए जाते हैं। रासायनिक यौगिकों, जैविक मैक्रोमोलेक्यूल्स, पॉलिमर और क्रिस्टल), और भौतिक सिमुलेशन (जैसे ब्रह्मांड के शुरुआती क्षणों के सिमुलेशन, हवाई जहाज और तरिक्ष यान वायुगतिकी, परमाणु हथियारों का विस्फोट, और परमाणु संलयन)। वे क्रिप्टोएनालिसिस के क्षेत्र में आवश्यक रहे हैं।
कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है लेख में हमने कंप्यूटर के प्रकार पर रौशनी डाली है । उम्मीद है आप अच्छी तरह से समझ गए होंगे ।
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हैलो दोस्तों, मैं Sajid Quamer Itechhindi.com का Technical Author & Founder हूँ। यह ब्लॉग अपको कंप्यूटर और नई तकनीक की जानकारी निरंतर साझा करता रहता है।यह ब्लॉग मुख्य रूप से हिंदी भाषी पाठकों को विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर नए टेक्नोलॉजी पर आधारित दिलचस्प पाठ्य सामग्री प्रदान करने के लिए बनाया है।